पूर्वांचल के बकायेदार विद्युत उपभोक्ताओं की पहले होगी बत्ती गुल , फिर कार्यवाही
|पूर्वांचल में 27,22,656 विद्युत बकायेदार ; 1,17,944 की कटेगी बिजली
गोरखपुर के 7, 22,799 विद्युत उपभोक्ता की बत्ती होगी गुल !
Varanasi: बिल की वसूली के लिये विभाग और उपभोक्ता दोनो को अनुशासित होना चाहिए। पर यदि यकाएक अनुशासन का डण्डा चलाया जायेगा तो परिणाम बहुत अच्छे नही मिलने वाले , इस बार सरकार ने कड़े फैसले लिये हैं जो जनता व सरकार के बीच टकराव के साथ-साथ व चुनावी तापमान 2017भी बढ़ा सकता है । पूर्वांचल में राज्य विद्युत निगम ने पिछले वित्त वर्ष एक मुश्त समाधान योजना में कुल 27,22,656 बकायेदारों का पंजीयन कराया था। इसमें से 1,17,944 बकायेदारों ने बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कराया है । पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अब इन बकायेदारों की बिजली काटने की तैयारी में लग गया है। पूर्वांचल में पिछले वित्तीय वर्ष शुरू की गई एक मुश्त समाधान योजना में गोरखपुर क्षेत्र के 7, 22,799, बस्ती क्षेत्र के 3,65,078, इलाहाबाद क्षेत्र के 4,58,145, वाराणसी क्षेत्र के 6,30,317, मिर्जापुर क्षेत्र के 1,61,607, आजमगढ़ क्षेत्र के 3,84,710 उपभोक्ता हैं। इन पंजीकृत उपभोक्ताओं में 1,17,944 बकायेदारों ने अबतक बकाया जमा नहीं किया है। इन बकायेदारों में बस्ती क्षेत्र के 6,565, इलाहाबाद क्षेत्र के 20,371, वाराणसी क्षेत्र के 14,629, मिर्जापुर क्षेत्र के 9,817 तथा आजमगढ़ क्षेत्र के 29,787 उपभोक्ता हैं।
पहले कटेगी बिजली ; फिर बकाया बिल न जमा करने पर होगी कार्यवाही
महानगरों में 24 घंटे, जिला मुख्यालयों 20 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 14 घंटे विद्युत आपूर्ति का हैं निर्देश
इस संबंध में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि बकायेदार उपभोक्ताओं ने जब इस योजना में पंजीकरण कराया है तो यह निश्चित है कि वह बिजली का उपयोग कर रहा है अथवा करना चाहता है। उन्होंने समस्त अधिशासी अभियंता (वितरण) को निर्देश दिए गए कि इन उपभोक्ताओं की बिजली काट दे उसके बाद इनसे बकाया वसूलने के लिए कार्रवाई करे। वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में आयोजित पूर्वांचल के वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर,आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर के सभी मुख्य अभियंता (वितरण), अधीक्षण अभियंता (वितरण) एवं अधिशासी अभियंता (कंप्यूटर बिलिंग) की शत प्रतिशत राजस्व वसूली व बिलिंग एवं बिल वितरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बनाई गई कार्ययोजना की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में प्रबंध निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश विद्युत निगम वर्तमान में महानगरों में 24 घंटे, जिला मुख्यालयों 20 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 14 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
राजस्व वसूली में विभाग की किरकिरी
इसके सापेक्ष विद्युत भुगतान नहीं हो रहा है। विद्युत आपूर्ति के बदले विद्युत उपभोक्ताओं से बिजली बिल वसूलना भी अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी अधिशासी अभियंता (वितरण) का भी दायित्व है, लेकिन कई खंडों द्वारा लक्ष्य के अनुरूप राजस्व नहीं वसूला जा रहा है। सभी अधीक्षण अभियंता (वितरण) द्वारा अवर अभियंता की सहमति से उन्हें राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। अब लक्ष्य के अनुरूप राजस्व वसूलना अवर अभियंता (वितरण) का भी प्राथमिक दायित्व है। सरकार जनता को संतुष्ट करने के बजाय बल व तंत्र का प्रयोग जादा करती है जो अभी तक अच्छे परिणाम नहीं दिये हैं। जागरुकता और समय से बिल पहुॅचाना उपभोक्ता की सुविधाओं का ख्याल रखना उसे याद दिलाना ये शायद बेहद महत्वपूर्ण पहलू है जिसे छोड़ कर सरकार प्रशासनिक पैतरे अपनाती है जो टकराव बढ़ाता है। फिलहाल फरमान जारी है निपटने के लिये विभागोें को कमान सौंप दी गयी है।
Vaidambh Media